संस्कृत व्याकरण (सरला) – द्वारिका प्रसाद मिश्र
“संस्कृत व्याकरण (सरला)” पंडित द्वारिका प्रसाद मिश्र द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो संस्कृत व्याकरण के जटिल सिद्धांतों को सरल और सुस्पष्ट तरीके से प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन छात्रों और विद्वानों के लिए उपयोगी है जो संस्कृत व्याकरण का मूलभूत और गहन अध्ययन करना चाहते हैं।
इस ग्रंथ में निम्नलिखित विषयों का विस्तृत वर्णन किया गया है:
संस्कृत धातु और उनकी विभक्तियाँ: इसमें संस्कृत भाषा के विभिन्न धातुओं का परिचय और उनका विभक्तियों के साथ प्रयोग समझाया गया है।
व्याकरण के नियम: इसमें पाणिनीय व्याकरण के नियमों का सरल व्याख्यान दिया गया है ताकि छात्र उन्हें आसानी से समझ सकें।
प्रत्यय और संधि: इसमें प्रत्ययों और संधियों के निर्माण और उनके उपयोग के नियम विस्तार से समझाए गए हैं।
संधि, समास, और तद्भव-तत्सम शब्द: इन विषयों को उदाहरण सहित प्रस्तुत किया गया है ताकि पाठक व्याकरण के इन महत्वपूर्ण हिस्सों को अच्छी तरह समझ सकें।
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