सांख्यतत्त्वकौमुदी (Samkhyatattva Kaumudi) एक प्रमुख ग्रंथ है जो सांख्य दर्शन के महत्वपूर्ण विषयों को विस्तार से व्याख्यान करता है। यह ग्रंथ सांख्य दर्शन की प्राचीनतम और प्रसिद्ध व्याख्या में से एक माना जाता है। इसके लेखक का नाम नरसिंहाश्रम (Narasimhashrama) माना जाता है।
सांख्यतत्त्वकौमुदी के मुख्य विषय इस प्रकार हैं:
- तत्त्वत्रय विवेचन – इस ग्रंथ में सांख्य दर्शन के तीन मुख्य तत्त्वों का (प्रकृति, पुरुष, महत्) विवरण है। यहां पर उनकी अवधारणाओं और उनके संबंधों की चर्चा होती है।
- गुण विश्लेषण – गुणों (सत्त्व, रजस, तमस) के विश्लेषण और उनके प्रभावों का वर्णन।
- प्रकृति-पुरुष संबंध – इस ग्रंथ में प्रकृति और पुरुष के संबंध के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया है, जिनमें उनका व्यापार और उसके प्रभावों का अध्ययन होता है।
सांख्यतत्त्वकौमुदी एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो सांख्य दर्शन के विभिन्न पहलुओं को समझाने में मदद करता है और विद्यार्थियों और दर्शनशास्त्र के प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है।
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