सांख्य संग्रह (Samkhya Sangraha) एक प्रमुख ग्रंथ है जो सांख्य दर्शन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को संक्षेप में प्रस्तुत करता है। इस ग्रंथ का लेखक महर्षि ईश्वरकृष्ण (Ishvarakrishna) माना जाता है, जो 4वीं या 5वीं सदी के ग्रंथकार थे। यह ग्रंथ सांख्य दर्शन के प्रमुख विषयों पर विवरण प्रदान करता है, जिनमें प्रकृति, पुरुष, गुण, तत्त्वत्रय, और मोक्ष शामिल हैं।
सांख्य संग्रह के मुख्य विषय इस प्रकार हैं:
- तत्त्वत्रय विवेचन – इस ग्रंथ में सांख्य दर्शन के तीन मुख्य तत्त्वों का वर्णन है: प्रकृति, पुरुष, और महत्। इन तत्त्वों के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई है।
- गुण विश्लेषण – गुणों (सत्त्व, रजस, तमस) के विश्लेषण और उनके प्रभावों का वर्णन।
- मोक्ष का सिद्धांत – सांख्य संग्रह में मोक्ष के सिद्धांत को समझाने का प्रयास किया गया है, जिसमें पुरुष की प्रकृति से अलगता और उसके अद्वितीय स्वरूप का वर्णन है।
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