सांख्य कारिका (Samkhya Karika) एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो सांख्य दर्शन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को सरलता से समझाता है। इस ग्रंथ के लेखक महर्षि कपिल माने जाते हैं, जिन्होंने विशिष्ट शैली में भारतीय दर्शन के मौलिक सिद्धांतों को प्रस्तुत किया।
सांख्य कारिका के मुख्य विषय इस प्रकार हैं:
- तत्त्वत्रय विवेचन – इस ग्रंथ में सांख्य दर्शन के तीन मुख्य तत्त्वों का (प्रकृति, पुरुष, महत्) विवरण है। यहां पर उनकी अवधारणाओं और उनके संबंधों की व्याख्या होती है।
- गुण विश्लेषण – गुणों (सत्त्व, रजस, तमस) के विश्लेषण और उनके प्रभावों का वर्णन। इस ग्रंथ में गुणों की समीक्षा की गई है और उनके विभिन्न विशेषताओं पर प्रकट किया गया है।
- मोक्ष का सिद्धांत – सांख्य कारिका में मोक्ष के सिद्धांत का विस्तारपूर्वक विवेचन किया गया है, जिसमें पुरुष की प्रकृति से अलगता और उसके स्वाभाविक स्वरूप की मुक्ति पर विचार किया गया है।
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