“राजतरंगिनी” (Rajatarangini) (Hindi Tika) by Ramtej Pandey
“राजतरंगिनी” एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक ग्रंथ है जिसे कश्मीरी लेखक कल्हण ने 12वीं शताब्दी में लिखा था। यह कश्मीर के राजवंशों का इतिहास और उनके शासनकाल की घटनाओं का विवरण प्रदान करता है। “राजतरंगिनी” (Hindi Tika) रामतेज पांडेय द्वारा अनुवादित और टीका की गई इस पुस्तक का हिंदी संस्करण है, जो मूल संस्कृत ग्रंथ की गहराई और विस्तार को हिंदी भाषा में प्रस्तुत करता है।
पुस्तक में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
- इतिहास का परिचय: “राजतरंगिनी” कश्मीर के राजवंशों और उनके शासनकाल की घटनाओं का ऐतिहासिक वृत्तांत है। इसमें कश्मीर के विभिन्न शासकों के जीवन, उनके शासन के प्रमुख घटनाक्रम, और सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों का विस्तृत विवरण प्रदान किया गया है।
- रामतेज पांडेय की टीका: हिंदी टीका में रामतेज पांडेय ने मूल संस्कृत ग्रंथ के विभिन्न अंशों की व्याख्या और विश्लेषण किया है। टीका में ग्रंथ की कठिन और जटिल हिस्सों को समझाने के लिए विस्तृत टिप्पणी और स्पष्टीकरण प्रदान किया गया है।
Reviews
There are no reviews yet.