“पतंजलि योगसूत्र” डॉ. इन्द्राणी त्रिवेदी द्वारा लिखित और प्रोफेसर ईश्वर भारद्वाज द्वारा संपादित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह पुस्तक पातञ्जलि के योग सूत्रों का गहन और व्यवस्थित अध्ययन प्रस्तुत करती है, जो योग के सिद्धांतों और प्रथाओं को समझने के लिए एक उत्कृष्ट मार्गदर्शिका है।
पुस्तक का विवरण:
“पतंजलि योगसूत्र” पातञ्जलि के योग सूत्रों का विस्तृत अनुवाद और व्याख्या करती है, जिसमें योग के दर्शन, सिद्धांत और उनकी प्रथाओं को सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया गया है। इस ग्रंथ में पातञ्जलि के योग सूत्रों की गहराई को समझाने के लिए समर्पित और व्यापक दृष्टिकोण अपनाया गया है।
मुख्य विशेषताएँ:
- योग सूत्रों की व्याख्या: पुस्तक में पातञ्जलि के योग सूत्रों का विस्तृत और बोधगम्य अनुवाद किया गया है। डॉ. इन्द्राणी त्रिवेदी ने सूत्रों के गहरे अर्थ को स्पष्ट करने के लिए सरल भाषा और स्पष्ट व्याख्या का उपयोग किया है, जिससे पाठकों को योग के दर्शन को समझना आसान हो जाता है।
- योग के आठ अंग: पुस्तक में पातञ्जलि के अष्टांग योग (योग के आठ अंग) का विस्तार से वर्णन किया गया है, जिसमें यम (नीतियाँ), नियम (अनुशासन), आसन (मुद्राएँ), प्राणायाम (श्वास-प्रश्वास नियंत्रण), प्रत्याहार (संवेदनाओं का निरोध), धारणा (ध्यान की एकाग्रता), ध्यान (मेडिटेशन), और समाधि (आध्यात्मिक विलय) शामिल हैं। ये अंग योग साधना के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाने और अभ्यास में लाने के लिए आवश्यक हैं।
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