पुस्तक का शीर्षक: पंचतंत्र अपरीक्षितकारक
लेखक: कृष्णमणि त्रिपाठी
पुस्तक विवरण:
“पंचतंत्र अपरीक्षितकारक” कृष्णमणि त्रिपाठी द्वारा लिखित एक विशिष्ट पुस्तक है, जो प्राचीन भारतीय साहित्य के अद्वितीय ग्रंथ पंचतंत्र के एक महत्वपूर्ण खंड पर केंद्रित है। यह पुस्तक पंचतंत्र की ‘अपरीक्षितकारक’ कथा को विस्तार से प्रस्तुत करती है, जो मानवीय व्यवहार, जीवन की जटिलताओं, और नैतिक शिक्षा पर केंद्रित है।
पंचतंत्र की यह कथा पाठकों को अनपेक्षित कार्यों और उनके परिणामों के बारे में सिखाती है। इसमें नीतियों और व्यवहारों का ऐसा संग्रह प्रस्तुत किया गया है जो आज के समय में भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि सदियों पहले था। कृष्णमणि त्रिपाठी ने इस पुस्तक में सरल और स्पष्ट भाषा में इन कहानियों का वर्णन किया है, जिससे सभी उम्र के पाठक इसे आसानी से समझ सकते हैं।
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.