पञ्चस्वराः (Panchasvara) सतीेंद्र मिश्रा द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय ग्रंथ है, जो स्वर विज्ञान (स्वर शास्त्र) के सिद्धांतों और उनके जीवन पर प्रभाव पर केंद्रित है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए उपयोगी है जो स्वर विज्ञान और इसके ज्योतिषीय पहलुओं में गहरी रुचि रखते हैं।
पुस्तक के मुख्य बिंदु:
- स्वर विज्ञान का महत्व: पञ्चस्वराः में स्वर विज्ञान के महत्व और उसके जीवन पर प्रभाव पर विस्तृत चर्चा की गई है। स्वर का ज्ञान और उसकी सही पहचान व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
- पाँच प्रमुख स्वर: इस ग्रंथ में स्वर विज्ञान के पांच प्रमुख स्वर (संगीत के स्वरों) का विश्लेषण किया गया है। ये स्वर हैं –
- उत्तम स्वर: उच्चतम और प्रभावशाली स्वर।
- मध्यम स्वर: संतुलित और मधुर स्वर।
- नीच स्वर: निम्न और गहन स्वर।
- दृष्ट स्वर: स्पष्ट और खुला स्वर।
- अदृष्ट स्वर: अदृश्य और सूक्ष्म स्वर।
- स्वर और ग्रहों का संबंध: पुस्तक में स्वर और ग्रहों के बीच संबंध का विश्लेषण किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे विभिन्न ग्रहों की स्थिति और प्रभाव स्वर पर असर डालते हैं और इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति के जीवन में क्या परिवर्तन हो सकते हैं।
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