नारद पुराण (Narada Purana) हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पुराण है, जिसे महर्षि नारद द्वारा प्रस्तुत किया गया माना जाता है। यह पुराण भगवान विष्णु, उनके अवतारों, और भक्ति के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है। नारद पुराण में धार्मिक और सामाजिक विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
नारद पुराण का विवरण:
- ग्रंथ की संरचना: नारद पुराण मुख्यतः 25,000 श्लोकों में विभाजित है और इसे दो भागों में बांटा गया है:
- अधिकरण: जिसमें 8 पुस्तक (अध्याय) होते हैं।
- उपक्रम: जिसमें 12 पुस्तक (अध्याय) होते हैं।
- भगवान विष्णु की पूजा: इस पुराण में भगवान विष्णु की महिमा और उनके विभिन्न रूपों की पूजा पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें विष्णु के भक्तों के लिए भक्ति के मार्ग और पूजा विधियों का विवरण मिलता है।
- नारद की उपदेश: नारद पुराण में महर्षि नारद के उपदेश और उनकी कहानियों का भी वर्णन है। नारद को भक्ति के अग्रणी प्रतिनिधि के रूप में देखा जाता है, और उनके उपदेश भक्ति और नैतिकता के महत्व को समझाते हैं।
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