मुहूर्तचिन्तामणि (मुहूर्तचिन्तामणि:) श्री विद्धेश्वरी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय ग्रंथ है, जो मुहूर्त (सही समय) के चयन के सिद्धांत और विधियों पर केंद्रित है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन पाठकों के लिए उपयोगी है जो जीवन के विभिन्न कार्यों के लिए शुभ समय (मुहूर्त) की खोज में हैं।
पुस्तक के मुख्य बिंदु:
- मुहूर्त का महत्व: मुहूर्तचिन्तामणि में मुहूर्त के महत्व और उसके ज्योतिषीय सिद्धांतों पर विस्तार से चर्चा की गई है। मुहूर्त, किसी भी कार्य को करने के लिए सबसे उपयुक्त और शुभ समय होता है, और इस पुस्तक में इसके महत्व को स्पष्ट किया गया है।
- मुहूर्त के सिद्धांत और विधियाँ: इस ग्रंथ में मुहूर्त निर्धारण के विभिन्न सिद्धांतों और विधियों का वर्णन किया गया है। इसमें ग्रहों की स्थिति, नक्षत्र, तिथियाँ, वार, और अन्य ज्योतिषीय तत्वों को ध्यान में रखते हुए मुहूर्त का निर्धारण कैसे किया जाता है, इसका विस्तृत वर्णन किया गया है।
- विवाह, ग्रह प्रवेश, और अन्य कार्यों के लिए मुहूर्त: पुस्तक में विवाह, ग्रह प्रवेश, नए घर में प्रवेश, और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त चुनने की विधियाँ दी गई हैं। इसमें बताया गया है कि कैसे इन कार्यों के लिए उचित मुहूर्त का चयन किया जाता है और इसके लिए कौन-कौन से ज्योतिषीय कारक महत्वपूर्ण होते हैं।
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.