मुद्गलपुराणम् (Mudgala Puranam) एक महत्वपूर्ण पौराणिक ग्रंथ है, जो गणेश पुराण के अंतर्गत आता है और भगवान गणेश की महिमा, उनकी लीलाओं, और उपासना के विभिन्न पहलुओं का विस्तार से वर्णन करता है। यह ग्रंथ विशेष रूप से भगवान गणेश के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है। डलवीर सिंह चौहान द्वारा संपादित मुद्गलपुराणम् (खंड 5-6, खंड 3) इस पुराण के तीसरे खंड का विस्तार है, जिसमें गणेश जी से संबंधित और भी गूढ़ तथ्यों और कहानियों का समावेश किया गया है।
पुस्तक के मुख्य विषय:
- भगवान गणेश की लीलाएं: इस खंड में भगवान गणेश की विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया गया है, जिनमें उनके द्वारा असुरों का वध, भक्तों की सहायता, और विभिन्न देवताओं के साथ उनके संवाद शामिल हैं।
- गणेश उपासना: भगवान गणेश की उपासना की विधियों और उनसे संबंधित व्रतों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। इसमें यह बताया गया है कि किस प्रकार गणेश उपासना से भक्तजन अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते हैं।
- गणेश मंत्र और स्तोत्र: इस खंड में गणेश मंत्रों और स्तोत्रों का संग्रह है, जो भक्तों द्वारा भगवान गणेश की पूजा में उपयोग किए जाते हैं। यह गणेश स्तुति का एक अनमोल संग्रह है।
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