महाकालसंहिता (Mahakalsamhita) 5-Vol by आचार्य राधेश्याम चतुर्वेदी
विवरण:
“महाकालसंहिता” आचार्य राधेश्याम चतुर्वेदी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण तान्त्रिक ग्रंथ है, जो पाँच खंडों में विभाजित है। यह पुस्तक तंत्र विद्या, शिव पूजा और तात्त्विक विचारों पर आधारित है, और इसके माध्यम से पाठक को गहरे तान्त्रिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।
मुख्य विषय:
- तान्त्रिक विधियाँ और अनुष्ठान: पुस्तक में महाकाल की पूजा, तान्त्रिक अनुष्ठान और साधना विधियों का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें महाकाल के विभिन्न रूपों की पूजा के विधि-विधान और उनके प्रभावों का विवरण प्रस्तुत किया गया है।
- धार्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोण: महाकालसंहिता में शिव की उपासना और तान्त्रिक दृष्टिकोण पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह पुस्तक शिव की विभिन्न शक्तियों और उनके धार्मिक महत्व को समझाने में सहायक है।
- मंत्रों और तंत्रों का प्रयोग: ग्रंथ में विभिन्न तंत्र और मंत्रों का वर्णन किया गया है जो विशेष तान्त्रिक साधनाओं में उपयोगी होते हैं। इन मंत्रों के सही प्रयोग और उनकी प्रभावशीलता पर प्रकाश डाला गया है।
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