लिङ्ग महापुराणम् (Linga Mahapuran) एक प्रमुख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ है, जिसे द्वारका प्रसाद मिश्र शास्त्री द्वारा प्रस्तुत किया गया है। यह पुराण शिव-भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें भगवान शिव की महिमा, उनकी लीलाओं, और शिवलिंग के महत्व का विस्तृत वर्णन किया गया है। लिङ्ग पुराण 18 महापुराणों में से एक है और शिव पुराण के बाद शिव भक्ति का दूसरा प्रमुख ग्रंथ माना जाता है।
पुस्तक के मुख्य विषय:
- शिवलिंग की उत्पत्ति: इस ग्रंथ में शिवलिंग की उत्पत्ति और उसके महत्व का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह बताया गया है कि शिवलिंग ही भगवान शिव का निराकार रूप है।
- सृष्टि की रचना: शिव के विभिन्न रूपों और उनके द्वारा सृष्टि की रचना की प्रक्रिया का वर्णन है।
- शिव की लीलाएं: भगवान शिव की विभिन्न लीलाओं, जैसे त्रिपुरासुर वध, अंधकासुर वध, और भस्मासुर की कथा का विवरण मिलता है।
- धार्मिक अनुष्ठान और व्रत: शिवलिंग की पूजा, व्रत, और उपासना की विधियों का उल्लेख किया गया है, जिससे भक्तजन शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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