“ललिता उपाख्यानम्” (Lalita Upakhyanam) ब्रह्मांड पुराण से एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसे दलवीर सिंह चौहान ने प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक देवी ललिता की उपासना और उनके आध्यात्मिक महत्व पर केंद्रित है, जो तंत्र साधना और शakti पूजा के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मानी जाती है।
पुस्तक का विवरण:
प्रस्तावना: पुस्तक की प्रस्तावना में लेखक ने ललिता उपाख्यानम् की विशेषताओं और इसके महत्व को उजागर किया है। यह ग्रंथ देवी ललिता के स्वरूप और उनकी पूजा के महत्त्व को विस्तार से समझाता है।
मुख्य विषय:
- ललिता देवी का परिचय:
- देवी ललिता त्रिपुरसुंदरी के रूप में पूजित हैं और उनके विभिन्न स्वरूपों का वर्णन।
- देवी ललिता की उपासना का महत्व और उसका आध्यात्मिक अर्थ।
- ललिता उपाख्यानम् की कथा:
- ब्रह्मांड पुराण में वर्णित ललिता देवी की कथा।
- कथा में देवी ललिता की दिव्य शक्तियों और उनके भक्तों के प्रति अनुग्रह की चर्चा।
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