‘लघुसिद्धान्त कौमुदी’, जिसके लेखक पंडित सदाशिव शास्त्री हैं, एक प्रसिद्ध संस्कृत ग्रंथ है। यह ग्रंथ भारतीय व्याकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण माना जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य पाणिनि के ‘अष्टाध्यायी’ के सूत्रों का सरल और समझने योग्य ढंग से विवरण करना है।
‘लघुसिद्धान्त कौमुदी’ में व्याकरण के मूल सिद्धांतों को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। इस ग्रंथ में संस्कृत भाषा के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया गया है, जो छात्रों और अध्यापकों के लिए उपयोगी है।
‘लघुसिद्धान्त कौमुदी’ एक प्रमुख संस्कृत व्याकरण ग्रंथ है और इसका अध्ययन विद्यार्थियों और विद्वानों के लिए महत्वपूर्ण है जो संस्कृत भाषा के अध्ययन में रुचि रखते हैं। यह ग्रंथ व्याकरण के विभिन्न पहलुओं को समझाने में सहायक होता है और संस्कृत भाषा के प्रवीणतम अध्यापकों द्वारा अध्ययन किया जाता है।






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