“कारिकावली विथ मुक्तावली” एक प्रसिद्ध हिंदी काव्य ग्रंथ है, जिसका लेखक श्री आत्माराम शर्मा जेरे हैं। यह ग्रंथ भारतीय साहित्य के अनुपम भारतीय और संस्कृतिक धाराओं को स्वागत करता है।
“कारिकावली” एक प्रकार का काव्यात्मक संग्रह है जिसमें श्री आत्माराम शर्मा जेरे ने विभिन्न विषयों पर कविताएँ रची हैं। इस संग्रह में भारतीय संस्कृति, धर्म, समाज, और मानवता के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया है। यह काव्य संग्रह विशेष रूप से साहित्य और धर्म के मंथन को संबोधित करता है और पाठकों को विचारों पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है।
“मुक्तावली” श्रृंगार रस की कविताओं का संग्रह है जो “कारिकावली” के साथ जुड़ा है। इसमें प्रेम, रोमांस, और सुंदरता के विषयों पर कविताएँ हैं जो पाठकों के मनोरंजन और संतोष के लिए हैं।
श्री आत्माराम शर्मा जेरे की रचनाएँ भारतीय साहित्य के महत्वपूर्ण हिस्से में गिनी जाती हैं और उनकी कविताएँ उनकी समझदारी, गहराई और साहित्यिक दक्षता का प्रतिबिम्ब हैं।
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