कामसूत्र-परिशीलन (Kamasutra Parishilan) – लेखक: वाचस्पति गैरोला
कामसूत्र-परिशीलन वाचस्पति गैरोला द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो प्राचीन भारतीय कामशास्त्र के प्रमुख ग्रंथ कामसूत्र पर आधारित एक गहन अध्ययन प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक कामसूत्र के मूल सिद्धांतों का विश्लेषण करते हुए आधुनिक संदर्भ में यौन जीवन, दांपत्य संबंधों और सामाजिक व्यवहारों को समझने का प्रयास करती है।
इस ग्रंथ में कामसूत्र के विभिन्न अध्यायों और उनके निहितार्थों को विस्तार से समझाया गया है, जिसमें यौन शिक्षा, यौन क्रियाओं, प्रेम, और जीवन में संतुलन बनाए रखने के उपायों का वर्णन है। वाचस्पति गैरोला ने इस पुस्तक में कामसूत्र के नैतिक और सामाजिक पहलुओं को भी समाहित किया है, जो न केवल शारीरिक सुख तक सीमित हैं, बल्कि जीवन के मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन को भी स्थापित करते हैं।
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