काकचंडिश्वरकल्पतत्रम्” (Kaka Candi Svarakalpa Tantra) द्वारा हरिहर प्रसाद त्रिपाठी एक महत्वपूर्ण तांत्रिक ग्रंथ है जो विशेष रूप से तंत्र विद्या और तांत्रिक अनुष्ठानों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह ग्रंथ तांत्रिक सिद्धियों और साधनाओं में गहरी रुचि रखने वालों के लिए महत्वपूर्ण है।
मुख्य विषय:
- स्वरकल्प तंत्र: पुस्तक का मुख्य विषय काकचंडी स्वरकल्प तंत्र है, जो एक विशेष तांत्रिक विधि है। इसमें स्वर (ध्वनि) और काकचंडी देवी की पूजा और अनुष्ठान की विधियों का विवरण प्रदान किया गया है।
- तांत्रिक अनुष्ठान: ग्रंथ में तांत्रिक अनुष्ठानों, मंत्रों, और विधियों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें काकचंडी देवी की आराधना से जुड़ी विशेष तंत्रिक विधियों और प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई है।
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