**पुस्तक का शीर्षक**: ज्योतिषशास्त्रस्य इतिहासः
**लेखक**: लोकमणि दहाल
**पुस्तक विवरण**:
‘ज्योतिषशास्त्रस्य इतिहासः’ लोकमणि दहाल द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो भारतीय ज्योतिष के विकास, परंपराओं और ऐतिहासिक योगदानों पर केंद्रित है। यह पुस्तक ज्योतिषशास्त्र के आरंभिक स्वरूप से लेकर उसके विभिन्न चरणों में हुए विकास का विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
इस ग्रंथ में वैदिक काल से लेकर आधुनिक युग तक के ज्योतिष के इतिहास को क्रमबद्ध ढंग से समझाया गया है। पुस्तक में ज्योतिष के विभिन्न संप्रदायों, ग्रंथों, और ज्योतिषाचार्यों के योगदान पर प्रकाश डाला गया है। साथ ही, इसमें यह भी बताया गया है कि किस प्रकार ज्योतिषशास्त्र ने भारतीय संस्कृति, धर्म और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
लोकमणि दहाल ने इस पुस्तक में प्राचीन ग्रंथों का उद्धरण देते हुए ज्योतिष के सिद्धांतों और उनके ऐतिहासिक संदर्भों को सरल भाषा में प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक ज्योतिषशास्त्र के छात्रों, विद्वानों और इस विषय में रुचि रखने वाले सामान्य पाठकों के लिए एक उपयोगी स्रोत है।
**मुख्य बिंदु**:
– वैदिक और पारंपरिक ज्योतिष का इतिहास
– ज्योतिष के प्रमुख ग्रंथ और आचार्य
– भारतीय समाज और संस्कृति में ज्योतिष का योगदान
– ज्योतिष के विभिन्न प्रकार और उनके विकास की प्रक्रिया
यह ग्रंथ भारतीय ज्योतिष की ऐतिहासिक यात्रा को समग्रता से समझने में सहायक है।
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