गोल परिभाषा पंडित सत्यदेव शर्मा द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ज्योतिष ग्रंथ है, जो भारतीय ज्योतिष शास्त्र के गोल (स्ट्रोटल) और खगोल (आस्ट्रोनॉमी) पहलुओं पर केंद्रित है। यह पुस्तक विशेष रूप से ग्रहों की चाल, उनके गति विधियों, और उनके प्रभावों की गहन समझ प्रदान करती है।
गोल परिभाषा में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
- गोल के सिद्धांत: पुस्तक में गोल (स्ट्रोटल) के मूल सिद्धांतों और उसके आधारभूत नियमों की विस्तृत व्याख्या की गई है। इसमें ग्रहों की गति, उनके तत्व, और उनके प्रभावों पर चर्चा की गई है।
- खगोल विज्ञान: ग्रंथ में खगोल विज्ञान के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि ग्रहों की चाल, ग्रहों के परिभ्रमण, और उनके प्रभावों की जानकारी दी गई है।
- ग्रहों की गति और स्थिति: पुस्तक में ग्रहों की गति और स्थिति का विश्लेषण किया गया है, जिसमें विभिन्न ग्रहों के दृष्टिकोण और उनकी भूमिका की व्याख्या की गई है।
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