श्रीदुर्गासप्तशती (Durga Saptashati) रामतेज पांडेय द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो देवी दुर्गा के स्तोत्र, विशेष रूप से दुर्गा सप्तशती (जिसे चंडी पाठ भी कहा जाता है) की व्याख्या और विश्लेषण पर केंद्रित है। यह पुस्तक दुर्गा सप्तशती के शास्त्रीय और तांत्रिक महत्व को स्पष्ट करती है और इसकी पूजा विधियों को समझने में मदद करती है।
पुस्तक का सारांश:
- विषय वस्तु:
- दुर्गा सप्तशती एक प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ है जिसमें देवी दुर्गा की स्तुति की गई है। यह ग्रंथ सात सौ श्लोकों (सप्तशती) में देवी दुर्गा की महिमा, शक्ति, और उनके विभिन्न स्वरूपों की पूजा का वर्णन करता है। इस पुस्तक में दुर्गा सप्तशती के शास्त्रीय और धार्मिक महत्व को समझाया गया है।
- विवरण और विश्लेषण:
- पुस्तक में दुर्गा सप्तशती के श्लोकों की व्याख्या, उनके तात्पर्य और पूजा विधियों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें देवी दुर्गा की शक्ति, उनके विभिन्न रूपों और उनके प्रति श्रद्धा के उपायों की चर्चा की गई है।
- दुर्गा सप्तशती के पाठ और इसके लाभों, विशेष पूजा विधियों, और अनुष्ठानों के बारे में गहन जानकारी प्रदान की गई है।






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