“दोहावली” संत तुलसीदास जी की एक महत्वपूर्ण भक्ति काव्य रचना है। इसमें दोहे (दो पंक्तियों वाले काव्य) के रूप में भगवान श्रीराम और उनकी भक्ति के विषय में सुंदर और सरल भक्ति भावनाएँ प्रकट की गई हैं।
दोहावली का विवरण:
- लेखक: दोहावली के लेखक संत तुलसीदास जी हैं, जो हिंदी भक्ति साहित्य के महान कवि और भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त थे। तुलसीदास जी की रचनाओं में “रामचरितमानस,” “हनुमान चालीसा,” और “विनय पत्रिका” प्रमुख हैं।
- रचना का उद्देश्य: दोहावली का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीराम की भक्ति और उनके जीवन की सच्चाईयों को सरल और प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत करना है। इसमें भक्तों को भगवान श्रीराम की महिमा, उनके गुण, और भक्ति की महत्वपूर्णता को समझाने की कोशिश की गई है।
- संरचना: दोहावली में काव्य की संरचना दोहे के रूप में है। दोहा एक हिंदी काव्य रूप है जिसमें दो पंक्तियाँ होती हैं, प्रत्येक में ८ और १२ मात्राएँ होती हैं। इन दोहों में सरल और गहरी भक्ति भावना को प्रकट किया गया है।
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