छिन्नमस्ता महाविद्या पर श्रीविद्या (Chhinnamasta Mahavidya on Srividya) गोस्वामी प्रह्लाद गिरी द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो छिन्नमस्ता महाविद्या और श्रीविद्या के बारे में गहराई से अध्ययन और विश्लेषण प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में छिन्नमस्ता महाविद्या की विशेषताओं और श्रीविद्या के सन्दर्भ में उनके महत्व को समझाया गया है।
पुस्तक का सारांश:
- विषय वस्तु:
- छिन्नमस्ता महाविद्या एक प्रमुख तांत्रिक देवी हैं जिन्हें विशेष रूप से तांत्रिक साधना में पूजा जाता है। इस पुस्तक में छिन्नमस्ता महाविद्या की स्तुति, उनकी पूजा विधियाँ और तांत्रिक महत्व का विस्तृत वर्णन किया गया है।
- श्रीविद्या एक प्राचीन तांत्रिक परंपरा है जिसमें देवी श्री (लक्ष्मी) की पूजा की जाती है। इस पुस्तक में श्रीविद्या के सिद्धांतों और विधियों के साथ छिन्नमस्ता महाविद्या के सन्दर्भ में उनकी भूमिका को स्पष्ट किया गया है।
- विवरण और विश्लेषण:
- गोस्वामी प्रह्लाद गिरी ने छिन्नमस्ता महाविद्या के तांत्रिक गुण, उनके प्रतीकात्मक अर्थ और पूजा विधियों का विस्तार से विश्लेषण किया है। साथ ही, श्रीविद्या के सिद्धांत और प्रथाओं को छिन्नमस्ता महाविद्या के संदर्भ में कैसे लागू किया जाता है, इसका भी वर्णन किया गया है।






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