बृहद्देवता (Brihad Devata) डॉ. प्रज्ञा पांड्या द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो भारतीय दर्शन और संस्कृत साहित्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में, लेखक ने प्राचीन संस्कृत ग्रंथ “बृहद्देवता” का विश्लेषण और अध्ययन प्रस्तुत किया है, जो वेदों और उपनिषदों के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है।
पुस्तक का सारांश:
- विषय वस्तु:
- बृहद्देवता का मूल उद्देश्य वेदों के देवताओं और उनके विभिन्न रूपों की व्याख्या करना है। यह ग्रंथ वेदों में वर्णित देवताओं की विविधताओं, उनके गुणों और उनके पूजा विधियों का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करता है।
- विवरण और विश्लेषण:
- डॉ. पांड्या ने इस ग्रंथ के माध्यम से न केवल देवताओं की कथाओं को उजागर किया है, बल्कि उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्वता को भी दर्शाया है। पुस्तक में ग्रंथ की शाब्दिक और विषयगत सामग्री पर गहन प्रकाश डाला गया है।






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