बृहत्तन्त्रसार (Brhattantrasara) कपिलदेव नारायण द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण तंत्रशास्त्र ग्रंथ है। यह पुस्तक तंत्रशास्त्र के व्यापक सिद्धांतों और विधियों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करती है और दो खंडों में प्रकाशित है।
पुस्तक का विवरण (हिंदी में):
नाम: बृहत्तन्त्रसार (सेट ऑफ 2 वॉल्यूम्स)
लेखक: कपिलदेव नारायण
भाषा: हिंदी
विषय: तंत्रशास्त्र, तंत्र विधियाँ, तंत्र सिद्धांत
पुस्तक की विशेषताएँ:
- विस्तृत तंत्रशास्त्र: इस ग्रंथ में तंत्रशास्त्र के विभिन्न सिद्धांतों, विधियों और प्रक्रियाओं का गहन अध्ययन किया गया है। इसमें तंत्र के मूलभूत सिद्धांतों से लेकर उनकी विस्तृत विधियों तक का विश्लेषण किया गया है।
- दो भागों में विभाजित: पुस्तक को दो भागों में विभाजित किया गया है, प्रत्येक भाग में तंत्रशास्त्र के विभिन्न पहलुओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह विभाजन अध्ययन को व्यवस्थित और सुसंगत बनाता है।
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