पुस्तक विवरण:
अष्टांग समग्रह आयुर्वेद के प्रमुख ग्रंथों में से एक है, जिसे प्राचीन आयुर्वेदाचार्य वागभट्ट ने लिखा है। इस ग्रंथ के सूत्रस्थान खंड में आयुर्वेद के सिद्धांतों, अवधारणाओं और चिकित्सा विधियों का आधारभूत वर्णन किया गया है। डॉ. (स्म्ति) शैलजा श्रीवास्तव द्वारा संपादित और विश्लेषित यह संस्करण आयुर्वेदिक ज्ञान की गहराई को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
पुस्तक के प्रमुख अंश:
- आयुर्वेद के सिद्धांत: सूत्रस्थान में आयुर्वेद के बुनियादी सिद्धांतों का विस्तार से वर्णन है। इसमें स्वास्थ्य, रोग, और उपचार की प्रक्रिया को समझाया गया है, जो आयुर्वेदिक चिकित्सा का मूल आधार है। डॉ. श्रीवास्तव ने इन सिद्धांतों को सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया है।
- संपूर्ण विश्लेषण: इस संस्करण में संस्कृत श्लोकों की अर्थव्याख्या और विश्लेषण किया गया है, जिससे आयुर्वेदिक पाठकों को मूल सिद्धांतों को समझने में सुविधा होती है। डॉ. श्रीवास्तव की गहन टिप्पणी ने पाठकों के लिए जटिल अवधारणाओं को स्पष्ट किया है।
- प्राचीन ज्ञान का आधुनिक संदर्भ: डॉ. श्रीवास्तव ने प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा संदर्भ में प्रस्तुत किया है, जिससे यह पुस्तक आयुर्वेदिक चिकित्सा के अभ्यास में एक महत्वपूर्ण संसाधन बन जाती है।






Geeta press
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.