अष्टांगहृदय (सूत्रस्थान) “नवनीत” – गुरु शरण पाल द्वारा
“अष्टांगहृदय (सूत्रस्थान) ‘नवनीत'” गुरु शरण पाल द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक ग्रंथ है, जो अष्टांगहृदय के सूत्रस्थान के ऊपर विस्तृत व्याख्या और समीक्षा प्रदान करता है। इस पुस्तक में प्राचीन आयुर्वेदिक सिद्धांतों को सरल और सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे यह विद्यार्थियों, शोधार्थियों, और आयुर्वेद के चिकित्सकों के लिए अत्यंत उपयोगी है। “नवनीत” का उद्देश्य मूल श्लोकों की गहनता और उनके आधुनिक संदर्भ में उपयोग को स्पष्ट करना है, ताकि आयुर्वेद के सिद्धांतों को समझने और उन्हें व्यावहारिक जीवन में लागू करने में आसानी हो। यह पुस्तक आयुर्वेदिक शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो आयुर्वेदिक परंपराओं को समकालीन संदर्भ में प्रस्तुत करती है।
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