अनंगरंग (श्रीकल्याणमल्लविरचित) – लेखक: रामसागर त्रिपाठी
अनंगरंग एक प्राचीन भारतीय कामशास्त्र पर आधारित ग्रंथ है, जिसे श्री कल्याणमल्ल द्वारा रचित किया गया है। इस ग्रंथ का प्रमुख उद्देश्य वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के बीच संबंधों को मधुर और संतुलित बनाना है। ग्रंथ में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संबंधों के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया गया है।
रामसागर त्रिपाठी द्वारा संपादित यह संस्करण पाठकों को प्राचीन भारतीय संस्कृति और कामशास्त्र के गूढ़ सिद्धांतों से परिचित कराता है। पुस्तक में विभिन्न प्रकार के शारीरिक क्रियाओं और मानसिक स्थितियों के बीच संतुलन बनाए रखने के तरीकों का वर्णन है। इसमें प्राचीन भारतीय समाज में विवाह और यौन जीवन से जुड़े नैतिक, सामाजिक और व्यक्तिगत आयामों पर भी प्रकाश डाला गया है।
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