अगद तंत्र का वर्णन (Agada Tantra)
अगद तंत्र आयुर्वेद की आठ प्रमुख शाखाओं में से एक है, जो विष विज्ञान और विष उपचार पर केंद्रित है। यह प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसमें विष (जहर) से संबंधित बीमारियों का निदान, उपचार, और रोकथाम शामिल है।
1. परिचय (Introduction)
अगद तंत्र का उद्देश्य विषाक्त पदार्थों के प्रभाव को पहचानना और उन्हें निष्क्रिय करना है। इसमें प्राकृतिक, रासायनिक, और कृत्रिम विषों का अध्ययन शामिल है।
2. विष के प्रकार (Types of Poisons)
अगद तंत्र में विषों को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- जंगम विष (Jangama Visha): जीवित प्राणियों से प्राप्त विष, जैसे साँप, बिच्छू, मकड़ी आदि।
- स्थावर विष (Sthavara Visha): पौधों और खनिजों से प्राप्त विष।
- कृतिम विष (Krutima Visha): मानव निर्मित रासायनिक विष।
3. विष के लक्षण (Symptoms of Poisoning)
अगद तंत्र में विषाक्तता के लक्षणों की पहचान करना महत्वपूर्ण है। इसके लक्षणों में उल्टी, सिरदर्द, चक्कर आना, श्वास कष्ट, त्वचा पर चकत्ते, और बेहोशी शामिल हो सकते हैं।
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