दो मुखी रुद्राक्ष (Do Mukhi Rudraksha) भगवान शिव और माता पार्वती का प्रतीक माना जाता है। यह रुद्राक्ष द्वैत का प्रतिनिधित्व करता है और इसे विशेष रूप से पारिवारिक जीवन और संबंधों में सामंजस्य और शांति स्थापित करने के लिए धारण किया जाता है।
मुख्य विशेषताएं
- आकृति और रूप: दो मुखी रुद्राक्ष का आकार अंडाकार होता है और इसमें प्राकृतिक रूप से दो धारियां होती हैं जो इसके दो मुखों का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह रुद्राक्ष प्रायः भूरे रंग का होता है और इसका सतह खुरदरा होता है।
- आध्यात्मिक महत्व: दो मुखी रुद्राक्ष अर्धनारीश्वर का प्रतीक है, जो शिव और शक्ति के संयुक्त रूप को दर्शाता है। इसे धारण करने से मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति मिलती है। यह रुद्राक्ष व्यक्ति के अंदर संतुलन स्थापित करता है और मन को स्थिर रखता है।
- स्वास्थ्य लाभ: ऐसा माना जाता है कि इस रुद्राक्ष को धारण करने से हृदय रोगों में लाभ होता है और मानसिक चिंता से मुक्ति मिलती है। यह भय और चिंता को दूर करता है।
- मंत्र: इस रुद्राक्ष को धारण करते समय या इसकी पूजा करते समय “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ अर्धनारीश्वराय नमः” मंत्र का जाप किया जाता है।
- धारण करने की विधि: इसे सोमवार के दिन, विशेष रूप से शुभ मुहूर्त में, पूजा के बाद धारण किया जाता है। इसे गले में माला के रूप में या कलाई में कंगन के रूप में पहना जा सकता है।
दो मुखी रुद्राक्ष उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो अपने संबंधों में सुधार, मानसिक संतुलन, और आध्यात्मिक विकास की इच्छा रखते हैं।