अग्नि एवं पित्त विज्ञान जय प्रकाश सिंह द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक ग्रंथ है, जो अग्नि और पित्त से संबंधित आयुर्वेदिक सिद्धांतों और उनके चिकित्सीय प्रभावों पर केंद्रित है। यह पुस्तक आयुर्वेद के अध्ययन में अग्नि और पित्त के महत्वपूर्ण स्थान को समझने में सहायक है।
पुस्तक में निम्नलिखित बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई है:
- अग्नि (Digestive Fire): आयुर्वेद में अग्नि का मतलब शरीर की पाचन शक्ति से होता है। पुस्तक में अग्नि के विभिन्न प्रकारों, उनके गुणधर्म, और शरीर के स्वास्थ्य में उनकी भूमिका का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह पाचन और आत्मसात की प्रक्रिया में अग्नि के महत्व को स्पष्ट करता है।
- पित्त (Bile): पित्त शरीर के पाचन, मेटाबोलिज्म, और तापमान नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पुस्तक में पित्त के विभिन्न प्रकार, उनकी संरचना, और शरीर पर उनके प्रभावों का विश्लेषण किया गया है।






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