“तन्त्रसारः” (भाग 1-2)
लेखक: डॉ. परमहंस मिश्र
विवरण:
“तन्त्रसारः” डॉ. परमहंस मिश्र द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो तंत्र विद्या के मूलभूत सिद्धांतों और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों को संक्षेप और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करता है। यह ग्रंथ तंत्र शास्त्र के जटिल विषयों को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करता है।
पहला भाग: इस भाग में तंत्र विद्या के प्रमुख सिद्धांतों और उसके मूलभूत तत्वों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें तंत्र के विभिन्न आयामों, उसके धार्मिक और तात्त्विक पहलुओं पर चर्चा की गई है। लेखक ने तंत्र के मंत्र, साधना विधियाँ, और अनुष्ठानों के महत्व को स्पष्ट किया है।
दूसरा भाग: दूसरे भाग में तंत्र के गहरे रहस्यों और उन्नत साधनाओं का विवरण प्रदान किया गया है। इसमें विशेष रूप से तंत्र के उच्च स्तर की साधनाओं, योगों, और तांत्रिक प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह भाग तंत्र विद्या में गहरी रुचि रखने वालों के लिए एक अमूल्य स्रोत है, जो तंत्र के अंतर्निहित तत्वों को समझने में मदद करता है।
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