श्रीप्रत्यंगिरापुनश्चर्या रामप्रिय पांडेय द्वारा रचित एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो तंत्र शास्त्र के एक विशेष और गूढ़ पहलू पर आधारित है। यह ग्रंथ मुख्य रूप से देवी प्रत्यंगिरा की उपासना, साधना, और पुनःचर्या (अर्थात् विशेष प्रकार की साधना पद्धति) पर केंद्रित है।
प्रत्यंगिरा देवी तंत्र परंपरा में अत्यधिक शक्तिशाली और रौद्र रूप वाली देवी मानी जाती हैं, जो साधकों को न केवल सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि उनके सभी विघ्नों और बाधाओं का नाश भी करती हैं। इस ग्रंथ में देवी प्रत्यंगिरा की उपासना से जुड़ी विभिन्न विधियों, मंत्रों, और अनुष्ठानों का विस्तार से वर्णन किया गया है।
रामप्रिय पांडेय ने इस ग्रंथ में प्रत्यंगिरा साधना के विभिन्न पहलुओं को सरल और सुगम रूप में प्रस्तुत किया है, जिससे साधक इसे अपने जीवन में उतार सकें। श्रीप्रत्यंगिरापुनश्चर्या साधकों को उनके आत्मिक विकास के मार्ग पर अग्रसर करने में सहायक होती है, और यह ग्रंथ उन्हें इस साधना के माध्यम से दिव्य शक्तियों की प्राप्ति में मदद करता है।
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.