“बृहत ज्योतिष सार” पुस्तक, लेखक रुप नारायण शर्मा द्वारा लिखित, एक महत्वपूर्ण ज्योतिष ग्रंथ है जो भारतीय ज्योतिषशास्त्र के जटिल विषयों को सरल और सुसंगठित तरीके से प्रस्तुत करता है।
इस पुस्तक में, लेखक ने ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं का समावेश किया है, जिसमें ग्रहों की स्थिति, नक्षत्रों के प्रभाव, जन्मकुंडली का विश्लेषण, और भविष्यवाणी के उपाय शामिल हैं। “बृहत ज्योतिष सार” ज्योतिष के सिद्धांतों को विस्तार से समझाने के साथ-साथ, पाठकों को अपने जीवन में ज्योतिष के लाभकारी उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
पुस्तक की भाषा सरल और सहज है, जिससे नए और अनुभवहीन पाठक भी ज्योतिष के आधारभूत और महत्वपूर्ण पहलुओं को आसानी से समझ सकते हैं। यह पुस्तक उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो ज्योतिषशास्त्र में रुचि रखते हैं या इसे अपने जीवन में लागू करने के तरीकों की तलाश में हैं।
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