मनस-पीयूष (सात खंडों में)
मनस-पीयूष तुलसीदास जी की काव्य रचना “रामचरितमानस” की एक महत्वपूर्ण व्याख्या और टिप्पणी है, जिसे विशेष रूप से भक्तिरस की गहराई में प्रवेश के लिए लिखा गया है। यह ग्रंथ सात खंडों में विभाजित है और इसमें रामचरितमानस के विभिन्न अंशों और श्लोकों की विस्तृत व्याख्या की गई है।
मनस-पीयूष का उद्देश्य तुलसीदास जी के रामचरितमानस के संदेश और भक्ति को और अधिक स्पष्ट और समझने योग्य बनाना है। इसमें मनस (रामचरितमानस) के श्लोकों का अध्ययन करते हुए उन पर ध्यान केंद्रित किया गया है, ताकि पाठक और भक्त रामचरितमानस के गूढ़ अर्थ और इसके धार्मिक, दार्शनिक और आध्यात्मिक पहलुओं को समझ सकें।
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