आयुर्वेदिय विकृति विज्ञान (Ayurvediya Vikriti Vigyana) का अर्थ है आयुर्वेदिक रोगी के विकृति की विज्ञान. यह आयुर्वेद में रोगी के विकृति (विकार) के कारणों, लक्षणों, निदान और उपचार का अध्ययन करता है। इसका मुख्य उद्देश्य रोगी की स्थिति को विश्लेषण करके उसके विकृति का कारण निर्धारित करना और उसके लिए उपचार योजना बनाना होता है।
### संस्कृत में
आयुर्वेदिय विकृति विज्ञान को संस्कृत में “विकृति” शब्द से विक्षिप्ति और “विज्ञान” शब्द से ज्ञान कहते हैं। इसका संस्कृत में विवरण इस प्रकार होता है:
आयुर्वेदिय विकृति विज्ञानम्।
अयं शास्त्रो भवेद्विकृतेर्निदानं लक्षणं च तत्।
विशेषेण ततो ज्ञातं चिकित्सा च तदुत्तमम्॥
यह श्लोक संस्कृत में आयुर्वेदिय विकृति विज्ञान की महत्वपूर्ण विशेषताओं को दर्शाता है।
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