“संभापुराणम्” एक महत्वपूर्ण तमिल काव्य रचना है, जिसे कवि अंबिकपति ने रचा है। यह एक धार्मिक और ऐतिहासिक ग्रंथ है जो मुख्य रूप से भगवान शिव और उनकी लीलाओं का वर्णन करता है। इस ग्रंथ में शिव और पार्वती के विवाह की कथा, उनके पुत्रों गणेश और कार्तिकेय की कहानियाँ, और शिव के विभिन्न अवतारों और चमत्कारों का वर्णन किया गया है।
संभापुराणम् का साहित्यिक महत्व भी है, क्योंकि इसमें तमिल भाषा और संस्कृति का अद्भुत चित्रण किया गया है। यह ग्रंथ तमिल साहित्य के भक्तिकाल के प्रमुख ग्रंथों में से एक माना जाता है और इसे तमिल साहित्य के भक्ति साहित्य का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है।
इस ग्रंथ में शिवभक्ति, धार्मिक शिक्षा, और नैतिक मूल्यों का प्रतिपादन किया गया है। संभापुराणम् का अध्ययन और पठन धार्मिक अनुष्ठानों में भी महत्वपूर्ण माना जाता है, और यह तमिलनाडु और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है।
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