“व्याकरण महाभाष्यम (पास्पसंहिकम)” प्रो. जयशंकरलाल त्रिपाठी द्वारा लिखित है। यह पुस्तक संस्कृत भाषा के महान ग्रंथ “पाणिनीय महाभाष्य” के एक विशेष भाग “पास्पसंहिता” पर आधारित है।
इस पुस्तक में “पाणिनीय महाभाष्य” के पास्पसंहिता सूत्रों का विस्तृत विवेचन किया गया है। यह सूत्रों के उदाहरणों, उनके व्याख्यानों और उनके अर्थों को समझने में मदद करता है। इस पुस्तक में संस्कृत भाषा के व्याकरण के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा है, जो पाणिनीय व्याकरण के विविध विषयों को समझने में मदद करती है।
“व्याकरण महाभाष्यम (पास्पसंहिकम)” छात्रों और व्याकरण प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण संस्कृत पाठ्यक्रम है, जो संस्कृत भाषा के महान ग्रंथ के विशेष भाग को समझने में मदद करता है। यह ग्रंथ संस्कृत भाषा के अध्ययन और समझ के लिए एक उत्कृष्ट संसाधन है।






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