न्यासकल्पलता पाणिनिसूत्राण्याससास्त्रार्थ, जिसे लिखा गया है, एक महत्वपूर्ण संस्कृत ग्रंथ है। इस ग्रंथ में पाणिनि के व्याकरण सूत्रों के न्यास कल्पना का विवरण है, जिससे पाणिनि के सूत्रों को समझने में सहायता मिलती है।
यह ग्रंथ पाणिनि के अष्टाध्यायी के सूत्रों की व्याख्या और समझाने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें पाणिनि के व्याकरण सूत्रों के विभिन्न पहलुओं का विवेचन किया गया है, जिससे छात्र और अध्यापक इन सूत्रों को सरलता से समझ सकें।
‘न्यासकल्पलता पाणिनिसूत्राण्याससास्त्रार्थ’ ग्रंथ पाणिनि के व्याकरण सूत्रों के महत्वपूर्ण विषयों को संक्षेप में और सहज भाषा में विवरणित करता है, जिससे विद्यार्थियों और विद्वानों को उनके अध्ययन को समृद्ध करने में सहायक होता है।
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