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चरक संहिता आयुर्वेद का एक प्रमुख ग्रंथ है, जिसे आचार्य चरक ने लिखा है। यह ग्रंथ आयुर्वेदिक चिकित्सा की सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षाओं में से एक माना जाता है। चरक संहिता को आमतौर पर चार खंडों में विभाजित किया जाता है, प्रत्येक खंड में विभिन्न चिकित्सा सिद्धांतों, औषधियों, और उपचार विधियों का विवरण होता है।
- पहला खंड – इसमें चिकित्सा के मूलभूत सिद्धांत, शरीर की संरचना, और स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है।
- दूसरा खंड – इसमें विभिन्न रोगों, उनके कारणों, और उनके उपचार की विधियाँ विस्तृत रूप से वर्णित की गई हैं।
- तीसरा खंड – इसमें औषधियों के गुण, उनके उपयोग और औषधि निर्माण की विधियाँ शामिल हैं।
- चौथा खंड – इसमें विशेष प्रकार की चिकित्सा विधियाँ, जैसे कि विशेष रोगों के उपचार और औषधियों के संयोजन की विधियाँ दी गई हैं।
चरक संहिता आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धतियों का एक व्यापक और समग्र विवरण प्रदान करती है और इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है।






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